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लॉक-अप में फरियादी की मौत पर राजमार्ग जाम, डीएम ने दिए मजिस्ट्रेटी जाँच के आदेश

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भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले में पुलिस लाकप में कथित तौर पर शुक्रवार को एक फरियादी की पुलिस पिटाई से हुई मौत का मामला अब राजनीति तूल लेता दिख रहा है। शनिवार को पुलिस के विरोध में परिजनों और आम लोगों ने राष्टीय राजमार्ग पर जहां न्याय दिलाने मांग को लेकर जाम लगा दिया।

वहीं सत्ता पक्ष के भाजपा विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी पीड़ित परिवार के यहां पहुंच संवेदना जतायी। समाजवादी पार्टी के पूर्व विधायक मधुबाला पासी और जाहिद बेग के साथ कई सपाई भी पहुंचे। इस मामले में सत्ता पक्ष के विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी के हस्तक्षेप के बाद जहां कोतवाल को एसपी भदोही ने लाइन हाजिर करने के बाद मामले की विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
जबकि जिलाधिकारी ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं। अब यह पूरा प्रकरण उलझ गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर रहे परिजनों और आम लोगों को हटाने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। इस दौरान मृतक की बेटी और परिजनों की मांग थी कि उसके पिता रामजी मिश्र 48 के मौत के दोषी पुलिस कर्मियों को सजा मिले और परिवार को न्याय मिले।
क्योंकि रामजी किसी तरह आटो चला कर अपने परिवार को पालन-पोषण करता था। इस दौरान विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी पीड़ित परिवार से मुलाकात कर कहां घटना के दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होगी। उन्होंने तत्काल पुलिस अधीक्षक से बात किया और बोले की घटना से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिल कर इसी जानकारी दूंगा।
बाद में पुलिस अधीक्षक सचिद्र पटेल की तरफ से गोपीगंज कोतवाल सुनील वर्मा को लाइन हाजिर कर दिया गया। साथ ही एसपी ने एक विभागीय जांच का आदेश दिया है, जिसकी जांच अपरपुलिस अधीक्षक करेंगे।

घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश

जिलाधिकारी राजेंद्र प्रसाद ने घटना की मजिस्टेटी जांच के लिए अपर जिलाधिकारी को जिम्मेदारी सौंपी है। इतनी बड़ी घटना के बाद भी पीड़ित परिजनों से मिलने जिलाधिकारी और एसपी नहीं पहुंचे। मीडिया में खबर आने के बाद अब लोग राजनीतिक रोटियां सेंकने को पहुंच रहे हैं।

क्या है मामला

बता दे कि जिले के गोपीगजं नगर के फूलबाग निवासी रामजी मिश्र 48 और उनके भाई अशोक उर्फ पप्पू मिश्र 35 के बीच में मकान और जमींन के बंटवारे का विवाद चल रहा है। पुलिस का कहना था कि शुक्रवार को विवाद बढ़ने पर दोनों भाई और परिवार के लोग गोपीगंज थाना पहुंच गए।
यहां रामजी मिश्र की तबियत बिगड़ी और उन्हें गोपीगंज सामुदायिक अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से जिला अस्पताल महाराजा चेतसिंह भेज दिया गया। यहां चिकित्सकों ने जांच के बाद मृतघोषित कर दिया। जबकि में मृतक रामजी की बेटी ने मीडिया में बयान दिया था कि पापा की मौत लाकप में पुलिस पिटाई की वजह से हुई है। उन्हें दिल का दौरा नहीं पड़ा है। पुलिस इस मामले में अपना बचाव कर रही है।
बेटी का आरोप था कि उसके पिता को जबरिया लाकप में बंद कर दिया गया। हम लोग बार-बार उनसे मिलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस अंदर नहीं घूसने दिया। पापा बार-बार लाकप से बाहर निकाले के चिल्ला रहे थे और बोल रहे थे कि मैं मर जाउंगा लेकिन पुलिस नहीं सुनी।
बेटी के बयान के बाद पुलिस पूरी तरह कटघरे में खड़ी हो गयी है। लेकिन सच क्या है यह बात जांच के बाद ही सामने आएगी। हालांकि मृतक रामजी के भाई अशोक से पुलिस को जो तहरीर मिली है उसमें दिल का दौरा पड़ने की बात लिखी गयी थी।

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