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02 अक्टूबर तक ओडीएफ करने का लक्ष्य निर्धारित : मुख्यमंत्री

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 02 अक्टूबर तक राज्य को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि इस लक्ष्य की प्राप्ति हर हाल में निर्धारित तिथि के अनुरूप हो जाए।
उन्होंने कहा कि सभी जिलाधिकारी व्यक्तिगत रुचि लेते हुए अभियानपूर्वक इस कार्य को पूरा करें। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण के लिए केन्द्र तथा राज्य की सरकारें पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करा रही हैं, ऐसे में शौचालय निर्माण कार्य में तेजी लाते हुए इस लक्ष्य को निर्धारित तिथि तक पूरा कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज यहां सचिवालय के तिलक हॉल में जिलाधिकारियों के साथ स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अन्तर्गत समीक्षा एवं ओडीएफ रणनीति पर चर्चा के लिए आयोजित बैठक को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि शौचालय निर्माण के लिए मनरेगा तथा सीएसआर के तहत उपलब्ध धनराशि के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जाए, क्योंकि इस कार्य में इन दोनों मदों में उपलब्ध धन का प्रयोग नहीं हो पा रहा है। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि वे धनराशि उपयोग का प्रमाण पत्र (यूसी) शासन को शीघ्र उपलब्ध करायें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना तथा शौचालय निर्माण योजना ऐसी योजनाएं हैं, जिनसे बड़ी संख्या गरीब लाभान्वित होंगे। ऐसे में जिलाधिकारियों को इन योजनाओं को सफल बनाने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। उन्हें अपने-अपने जनपदों में टीम बनाकर इन योजनाओं को लागू करवाना होगा।
इसके अलावा, अन्य जनहितकारी योजनाओं और अभियानों को लागू करवाकर उनकी सफलता भी सुनिश्चित करनी होगी। इन सभी कार्यों में जिलाधिकारियों को व्यक्तिगत रुचि लेनी होगी। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारीगण अपने-अपने जनपदों में लोगों को स्वयं के खर्चे से ‘इज्जत घर’ (शौचालय) के निर्माण के लिए भी प्रेरित करें।
योगी ने जनपदों के विकास कार्यां तथा कानून-व्यवस्था के विषय में कहा कि जिलाधिकारी जनपद के विकास तथा जन समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्हांने कहा कि शासन द्वारा लागू की गई योजनाओं का लाभ गरीबों और गांवों तक पहुंचे यह सुनिश्चित करना जिलाधिकारी की जिम्मेदारी है, उन्हें हर हाल में इस जिम्मेदारी का निर्वाह करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में हो रही विभिन्न अवैध गतिविधियों को रोकें। उन्होंने कहा कि कई जनपदों से अवैध बूचड़खानों के संचालन की शिकायतें मिल रही हैं। जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों के अवैध बूचड़खानों को बन्द करवाना सुनिश्चिति करें। इसके अलावा, अवैध वसूली, खनन इत्यादि को भी रोका जाए। सभी जिलाधिकारी अपने जनपद में कार्यरत विभिन्न कार्यालयों का औचक निरीक्षण करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों का विस्तृत दौरा सुनिश्चित करें और जनपदों में खाद्यान्न चोरी को रोकने के लिए औचक निरीक्षण भी करें। उन्होंने कहा कि जेल में बन्द अपराधियों की लगातार मॉनीटरिंग की जाए, ताकि वे जेल के अन्दर से आपराधिक गतिविधियों में न लगें।
उन्होंने कहा कि सर्वाधिक जन शिकायतें तहसील व नीचे के स्तर से आती हैं। इनका त्वरित निस्तारण सुनिश्चित किया जाए, ताकि लोगों को राहत मिले। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों को पूरी प्रतिबद्धता से काम करना होगा और अपने मातहतों से ठीक से काम लेना होगा। सभी जिलाधिकारी तहसीलों का दौरा करें और वहां मौजूद रजिस्टर भी चेक करें। चकबन्दी के मामलों का प्रभावी निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कार्यालयां में कार्यरत विभिन्न कर्मचारियों की शिकायतें मिलने पर जांच के उपरान्त उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए। विभिन्न जनपदों से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभार्थियों से मिलने वाली धन उगाही की शिकायतों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।
राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में संगठित अपराध पर काफी नियंत्रण किया गया है, परन्तु जनपदों की तहसीलों और थानों पर परिस्थितियों को ठीक करना होगा। गांवों में ज्यादातर मामले भूमि विवाद से सम्बन्धित होते हैं। इनके समाधान के लिए गांव स्तर पर भूमि वादों का सर्वे कराया जाए और समाधान सुनिश्चित किया जाए। जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों के विकास कार्यों एवं कानून-व्यवस्था की लगातार मॉनीटरिंग करें।
मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान यह भी निर्देश दिए कि जिलाधिकारी सहित जिले के सभी वरिष्ठ अधिकारी जैसे एसपी, एसएसपी, मुख्य विकास अधिकारी इत्यादि एक साथ जिला न छोड़े। उन्होंने कहा कि कमिश्नरी मुख्यालय पर जिलाधिकारी/मण्डलायुक्त में से कोई एक अधिकारी अवश्य मौजूद रहे। इसी प्रकार जनपद में जिलाधिकारी/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक में से कोई एक अधिकारी अवश्य मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने श्रावण माह में होने वाली कांवड़ यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि सभी जिलाधिकारी इस सम्बन्ध में तैयारियां पूरी कर लें। जनपदों में सुचारू आवागमन सुनिश्चित करने के दृष्टिगत जाम की समस्या से निजात पाने के लिए फेरी नीति को प्रभावी ढंग से लागू किया जाए।
विकास योजनाओं की प्रगति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनकी मॉनीटरिंग के लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त किये जाएं। उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं की प्रगति की गलत रिपोर्टिंग न की जाए, सिर्फ सही तथ्य ही प्रस्तुत किये जाएं। जनपदों में मिनरल फण्ड, मनरेगा इत्यादि में उपलब्ध धनराशि का उपयोग शौचालय निर्माण तथा अन्य विकास कार्यों में किया गया।
सीएम ने कहा कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया जाए और प्रोटोकॉल को ठीक से फॉलो किया जाए। उन्होंने कहा कि जनपदों में कराये जा रहे अच्छे कार्यों को मीडिया में हाईलाइट किया जाए। साथ ही, सोशल मीडिया पर भी इन्हें शेयर किया जाए। मीडिया में चल रहे गलत समाचारों के विषय में उन्होंने कहा कि ऐसे समाचारों का फौरन खण्डन किया जाए और सम्बन्धित समाचार पत्र अथवा इलेक्ट्रॉनिक चैनल को सही तथ्य उपलब्ध कराया जाएं।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को मनरेगा के माध्यम से किसानों को लाभान्वित करने के निर्देश देते हुए कहा कि राज्य सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। उन्हांने सभी जिलाधिकारियों को प्रधानमंत्री आवास योजना तथा शौचालय निर्माण के लक्ष्यों को व्यक्तिगत रुचि लेते हुए 30 सितम्बर, 2018 तक पूरा करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी यह भी सुनिश्चित करें कि आवास निर्माण तथा शौचालय निर्माण के लिए उपलब्ध करायी जा रही धनराशि का लाभार्थियों द्वारा दुरुपयोग न हो।
योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को ‘नमामि गंगे’ परियोजना के तहत अपने-अपने जनपदों में कराने जाने वाले कार्यों को गति देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि वे लोगों को नदियों में शव प्रवाहित करने से रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलायें।
उन्होंने कहा कि इंसेफेलाइटिस (जे0ई0/ए0ई0) के विरुद्ध 02 जुलाई से संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जा रहा है, इसकी सफलता में जिलाधिकारियों का विशेष योगदान होगा। जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में इसकी सफलता के लिए प्रभावी कार्य करें। उन्हांने बाढ़ से प्रभावित होने वाले जनपदों के जिलाधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के भी निर्देश दिए।
कार्यक्रम के दौरान ओडीएफ के लिए उल्लेखनीय कार्य करने वाले जनपदों के जिलाधिकारियों ने प्रस्तुतिकरण भी दिया। इनमें इटावा, फर्रुखाबाद, कौशाम्बी तथा बुलन्दशहर के जिलाधिकारी शामिल थे। इसके अलावा, श्रावस्ती, हापुड़, रायबरेली इत्यादि जनपदों के जिलाधिकारियों ने विभिन्न योजनाओं के तहत अपने जनपदों की उपलब्धियों का प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर खाद एवं रसद विभाग द्वारा धान क्रय, गेहूं क्रय तथा खाद्यान्न क्रय के सम्बन्ध में प्रस्तुतिकरण दिया गया।

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