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भदोही लाकअप कांड: योगी सरकार से नहीं मिला धेला जबकि गैरों से मिले आठ लाख 

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भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के गोपीगंज थाने में लाकअप में कथित तौर पर शुक्रवार को हुई पुलिस पिटाई से रामजी मिश्र की मौत के बाद लोगों में पीड़ित परिवार के प्रति संवदना आयी है। राजनेता और आम लोग आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए आगे आ रहे हैं।

लेकिन योगी सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक एक रुपये की आर्थिक मदद पीड़ित परिवार को नहीं मिल पायी है। सत्ता पक्ष के विधायक रविंद्रनाथ त्रिपाठी और दीनानाथ भाष्कर पीड़ित परिवार के आंसू पोंछने भी गए लेकिन एक धेले की आर्थिक मदद नहीं दिलायी। जबकि ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्र और दूसरों की तरफ से आठ लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गयी है।
विधायक विजय मिश्र ने जहां तीनों बेटियों को तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी गयी है। वहीं एक लौते बेटे को एक लाख और पीड़ित पत्नी को 50 हजार की आर्थिक मदद उपलब्ध करायी है। विधायक ने बच्चों की शिक्षा, बेटे को नौकरी और दोनों बेटियों की शादी की जिम्मेदारी ली है।
दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। इसके अलावा ज्ञानपुर ब्लाक प्रमुख मनीष मिश्र और डीघ प्रमुख नीता स्वर्णकार की तरफ से एक-एक लाख रुपये की मदद की गयी हैं। जबकि गोपीगंज नगर अध्यक्ष प्रहलाददास गुप्त और निर्यातक श्रीराम मार्या की तरफ से 50-50 हजार की पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता दी गयी है। जबकि ब्राहमण युवजसभा भदोही जिलाध्यक्ष अंबरीश तिवारी की तरफ से 5100 रुपये की आर्थिक मदद दी गयी है।

रामजी की पोस्टमॉर्टम गुत्थी उलझी, बिसरा रखा गया सुरक्षित 

पुलिस सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर के किसी भी हिस्से में आतंकरिक चोट के निशान नहीं मिले हैं, जिसकी वजह से विसका सुरक्षित रख लिया गया है। आतंरिक चोट के न मिलने से सवाल खड़े हो रहे हैं। हलांकि यह आधिकारिक रिपोर्ट नहीं है। मौत की दूसरी वजह हार्टबीट थमने की वजह भी हो सकती है। एसपी भदोही से सम्पर्क किया गया लेकिन काल नहीँ रिसीव हुईं।
पुलिस सूत्रों के दावे को माने तो रामजी के शव की पोस्टमार्टम रिर्पोर्ट में आतंरिक चोट के कोई निशान नहीं मिले हैं। जिसकी वजह से यह आशंका साबित होती है कि अगर पुलिस पिटाई से रामजी की मौत होती तो संभवः शरीर के आतंरिक हिस्से में चोट के निशान जरुर मिलते, फिलहाल ऐसा नहीं मिला है। हलांकि यह प्रशास की अधिकृत रिपोर्ट नहीं है।
लेकिन सूत्रों का दावा है कि नश में ब्लड की क्लाटिंग यानी खून के थक्के जमें होने की बात आयी है जिसकी वजह से हाट बीट बंद होने यानी दिल का दौरा पड़ने से मौत हो सकती है। क्योंकि दिल का दौरा पड़नके दौरान आम तौर पर इंसान को पंच किया जाता है, उसी पंच के दौरान जब रक्त संचार होने लगता है तो इंसान की जिंदगी बच जाती है। लेकिन जब खून थक्के की वजह से रक्त संचार पंचिंग के बाद भी नहीं हो पाता तो डाक्टरों का कहना है कि इंसान की मौत हो जाती हैं।
सूत्रों का दावा है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में रक्त के मोटे धक्थे पाये गये हैं जिसकी वजह से रामजी की मौत कथित पुलिस पिटाई के अलावा दिल के दौरा पड़ने से भी हो सकती है। हालांकि मौत की तस्वीर साफ नहीं हो पायी है जिसकी वजह से विसरा को आगे की जांच के लिए सुरक्षित रख लिया गया है। हालांकि इस घटना की मजिस्ट्रेटी जाँच के आदेश दिए गए हैं।

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