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इराक भेजने के नाम पर फर्जी इंटरव्यू ले रहे आठ कबूतरबाज STF के हत्थे चढ़े

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गोरखपुर। उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने जनपद गोरखपुर के कैंट थाना क्षेत्र की दो बिल्डिंगों पर छापा मार कर आठ ऐसे कबूतरबाजों को गिरफ्तार किया है, जो बेरोजगार युवकों से धोखाधड़ी कर इराक भेजने का झांसा देकर इनको कम्पनी के नाम पर फर्जी इन्टरव्यू ले रहे थे।

इन कबूतरबाजों के पास से 240 पासपोर्ट, 03 लैपटाप, 80 हजार रुपए की नगद और 13 मोबाइल फोन बामद हुए हैं। एसटीएफ पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर रैकेट में शामिल अन्य लोगों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
यूपी एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने आईपीएन को बताया कि पकड़े गए जालसाजों की पहचान अरविन्द सिंह, रजनीश कुमार मल्ल निवासीगण गोरखपुर, मनोज ठाकुर, संदीप कुमार, अरविन्द कुमार व शम्भू यादव निवासीगण बिहार, आर. सुन्दर रमन निवासी तमिलनाडू, और अनवर अंसारी निवासी थाना कसया जनपद कुशीनगर केरूप में हुई।
उन्होंने बताया कि कई दिनां से सूचना मिल रही थी कि कुछ इनको कम्पनी ने नाम इराक भेजने का झांसा देकर फर्जी ढंग से इंटरव्यू ले युवाओं से रकम ठग रहे हैं। इस पर एसटीएफ गोखरपुर की इकाई ने नजर रखना शुरू किया और सोमवार को मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ और पुलिस ने थाना कैण्ट के साथ सिंघड़िया गोरखपुर में ग्लोबल बेल्डिंग ट्रैनिंग एवं टेस्ट सेण्टर में युवाओं से फर्जी साक्षात्कार ले रहे इन आठों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। सभी इनको के मालिक व कर्मचारी बताए जा रहे हैं।
पूछताछ में आरोपी अभियुक्त अरविन्द सिंह ने बताया कि वे लोग विभिन्न कम्पनियों के नाम पर समाचार पत्रों में विज्ञापन निकलवाते हैं, फिर एक निश्चित तिथि पर इण्टरव्यू लेते। इस दौरान उनका पासपोर्ट एवं अन्य कागजात जमा करा लिया जाता हैं। इसके बाद अभ्यर्थियों से 60 से 65 हजार रूपया लेकर इराक आदि देशों में फर्जी तरीके से भेजते हैं। यह साक्षात्कार इनको कम्पनी इराक के नाम पर फर्जी विज्ञापन देकर संचालित किया जा रहा था।
आरोपी शम्भू यादव ने बताया कि वह कम्पनी इनको इराक कतर में सुपरवाईजर के पद पर काम कर चुका है। वह वर्ष-2017 में वहां से वापस आया और यहां इनको कम्पनी के लिए बेल्डर फीटर के साक्षात्कार अधिकारी के रूप में साक्षात्कार लेने आया था। इसके एवज में उसे कम्पनी से 40 से 50 हजार रूपये मिलते।
एसएसपी ने कहा कि इराक और अन्य युद्ध क्षेत्र आप्रवासन कार्यालय से भर्ती के लिए प्रतिबंध है। इन कम्पनियां के लिए लोगों को भेजना केन्द्र सरकार के कानून के साथ-साथ तथ्यों को छिपाने और आवेदकों को धोखा देने का काम करना है।
उन्होंने कहा कि नौकरी के लिए विदेश भेजने के लिए साक्षात्कार के विज्ञापन निकालने से पहले कम्पनी द्वारा मांग पत्र प्राप्त करना चाहिए, पीईओ लेना चाहिए, ईसीआर आवेदकों के लिए साक्षात्कार करने की अनुमति और यदि वे अनुमति के बिना ईसीएनआर के लिए साक्षात्कार कर रहे हैं तो उन्हें स्पष्ट रूप से विज्ञापन में उल्लेख किया जाना चाहिए कि स्पष्ट रूप से ईसीएनआर लागू होता है।

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