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‘ब्लॉकचेन’ परियोजना को जल्द से जल्द लागू कराया जाए: मुख्य सचिव

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने भारत सरकार की अत्याधुनिक एवं महत्वाकांक्षी परियोजना ‘ब्लॉकचेन’ परियोजना को जल्द से जल्द लागू कराये जाने के लिए शासनादेश निर्गत कराने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि ब्लॉकचेन परियोजना एक ऐसी तकनीक है जिसकी सहायता से विभाग से सम्बन्धित जानकारी एवं सूचनाओं को एकत्र करके उसे सार्वजनिक अभिलेख का रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यप्रणाली में पारदर्शिता लाने हेतु एकत्र की गयी जानकारियों को आम जनता के लिए सर्व सुलभ कराना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि ब्लॉकचेन में सूचनाओं का आदान-प्रदान हैश वैल्यू से टैग किया जाता है जो एक बार जेनरेट हो जाने के बाद न तो बदला जा सकता है और न ही उसके छेड़छाड़ की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ब्लॉकचेन परियोजना पर आधारित सार्वजनिक अभिलेख को न तो हटाया जा सकता है और न ही उसमें हेर-फेर किया जा सकता है।
मुख्य सचिव मंगलवार को शास्त्री भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष के सभागार में भारत सरकार की अत्याधुनिक परियोजना ब्लॉकचेन को प्रदेश में यथाशीघ्र लागू किये जाने के लिए सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों की बैठक कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि राजस्व तथा स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग में ब्लॉकचेन तकनीक अपनाने से भू-अभिलेखों में धोखेबाजी को कम करने, सम्पत्ति रजिस्टरों एवं उनसे सम्बन्धित मुकदमों पर दूरगामी प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ब्लॉकचेन तकनीक अपनाने से न केवल मुकदमेबाजी एवं विवादों में कमी आएगी बल्कि आंकड़ों की यथार्थता को लेकर आम जनता में भी और अधिक विश्वास बढ़ेगा।
डॉ0 पाण्डेय ने ब्लॉकचेन तकनीक से भविष्य में होने वाले लाभों के बारे में बताया कि फसल पद्धति एवं फसल वार उत्पादन की सटीक भविष्यवाणी के लिये कृषि विभाग के खसरा के आंकड़ों एवं जीआईएस से सभी जोड़े जाने की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि यह एकीकरण राजस्व वृद्धि में न सिर्फ सहायक होगा बल्कि कृषि आधारित आय में कर अपवंचन पर भी अंकुश लगाने में उपयोगी होगा।
भारत सरकार ने आई.आई.टी. कानपुर को नेशनल ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट के क्रमिक विकास के लिए क्रियान्वयन एजेन्सी के रूप में नियुक्त किया है जो प्रथम चरण में भारत में कम से कम दो सरकारी संस्थानों में इस परियोजना के अनुप्रयोग की रणनीति का विकास करने के साथ-साथ उसके क्रियान्वयन में मदद करेगी।
प्रोजेक्ट में आई.आई.डी.सी. एवं आई.आई.टी. कानपुर के उप निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट के प्रभारी भी हैं, के मध्य हुई बैठकों में उत्तर प्रदेश में ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट को प्रारंभ करने के लिए राजस्व तथा स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग को शामिल किये जाने का निर्णय लिया गया है।
आई.आई.टी. कानपुर आगामी 18 महीनों के अन्दर विभागों में ब्लॉकचेन तकनीक के क्रियान्वयन की पद्धति का विकास करेगा। भारत सरकार के सुझावनुसार ब्लॉकचेन तकनीक के विस्तार, रख-रखाव एवं उन्नयन के लिए आई.आई.टी. कानपुर में एक स्टार्टअप को इनक्यूबेट कराया जाएगा।
प्रदेश में आई.आई.टी. कानपुर के तकनीकी सहयोग से पिकप का कन्सटेन्सी अनुभाग अन्य जनोपयोगी परियोजनाओं को प्रारंभ करने में सहयोग कर रहा है, यथा कृत्रिम वर्षा, पुलिस आधुनिकीकरण, साइंस बस एवं शुद्ध पेयजल इत्यादि। नोडल अधिकारी, पिकप दीपक सिन्हा को निर्देशित किया गया है कि वे अन्तरविभागीय समन्वय एवं परियोजनाओं को गुणात्मक गति प्रदान करने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराएं।

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