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भ्रष्टाचार: कुंवारी की लेखपाल ने करा दी शादी, एसडीएम ने दिला दिया तलाक

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  • रिश्वत नहीं मिलने से चिढ़े लेखपाल ने हर हद कर दी पार
  • कमिश्नर ने लेखपाल के खिलाफ की थी निलंबन की कार्यवाही
मथुरा। हद दर्ज की लापरवाही और भ्रष्टाचार का आलम यह है कि रिश्वत नहीं मिलने से नाराज लेखपाल ने पहले कुंवारी लड़की को शादी शुदा दिखा दिया। जब इसकी शिकायत की गई तो जांच के बाद उसे तलाक शुदा बता दिया।

भ्रष्ट लेखपाल को रिश्वत नहीं मिली तो कुमारी लड़की को दस्तावेजों में विवाहित बना दिया और उसकी जाति भी बदल दी। 6 फरवरी को तहसील दिवस में शिकायत कमिश्नर  राम मोहन राव से की गई थी। कमिश्नर ने लेखपाल को निलंबित कर दिया था।
जैंत चौकी के गांव नगला घीसा निवासी बीए की छात्रा विनीता चौधरी ने अपने जाति और निवास प्रमाणपत्र के लिए आॅन लाइन आवेदन किया था। सत्यापन के लिए पहुंचे तहसील कर्मचारियों ने छात्रा के भाई से कहा कि लेखपाल से मिल लो, भाई छात्रा को साथ लेकर जब लेखलाप राकेश कुमार के पास पहुंचे तो दोनों प्रमाण पत्रों के लिए पैसे मांगे।
इस पर छात्रा के पिता ने पैसे देने से इनकार कर दिया था। पैसे नहीं मिलने से खफा लेखपाल ने कागजों में हेराफेरी कर छात्रा का भविष्य ही अंधकार में डाल दिया। छात्रा के मुताबिक पैसे नहीं मिलने पर उसकी जाति व उसका मेरिड स्टेटस बदल दिया। लेखपाल पहले भी इस तरह के आरोपों में घिर चुका है।

एसडीएम ने जांच में करा दिया तलाक

13 अप्रैल को उपजिलाधिकारी सदर को जांच सौंपी गई थी। एसडीएम ने 14 जून को जांच आख्या प्रभारी अधिकारी शिकायत रविंद्र कुमार को सौंप दी। एडीएम ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शिकायतकर्ता धूजी पुत्र  स्व.रामस्वरूप निवासी नगला धीसा भाग मौरा ने बताया है कि विनीता चौधरी की पूर्व में शादी हुई थी, वर्तमान में तलाक हो चुका है। तलाक के पश्चात वह गांव मोरा में रह रही है।
क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा प्रार्थी की बहन का जाति व निवास प्रमाणपत्र का आवेदन निरस्त कर दिया गया है, जो अनुचित है। अत: क्षेत्रीय लेखपाल राकेश कुमार इस प्रकरण में दोषी हैं। नौ फरवरी को लेखपाल राकेश कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही किये जाने तथा तहसीलदार मथुरा को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
तहसीलदार द्वारा बनाये गये आरोप पत्र का अनुमोदन किया जा चुका है तथा लेखपाल के खिलाफ विभागीय कार्यवाही लंबित है। लेखपाल का स्थानाुंतरण शाहपुर चैनपुर में किया जा चुका है।

ग्राम प्रधान सहित 20 ग्रामीणों ने लगाये हैं एफिडेविट

ग्राम प्रधान सहित 20 से अधिक लोगों ने एफिडेविट लगाये हैं कि विनीता चौधरी की शादी नहीं हुई। ग्राम पंचायत ने भी एफिडेविट दिये हैं। इसके बाद भी अधिकारियों ने मनमानी की और गलती सुधारने की बजाय एक और बेजां गलती करते हुए उसे तलाकशुदा बता दिया है।

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