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बड़ी गण्डक नदी में पानी उफान से निचले इलाकों में लोगों की मुश्किलें बढ़ी

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कुशीनगर। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद क्षेत्र में वाल्मीकि नगर गंडक बैराज पर बुधवार की सुबह एक लाख 31 क्यूसेक नदी का जल स्तर होने के चलते बड़ी गण्डक नदी में पानी उफान ले रहा है। हालांकि दोपहर बाद गंडक के पानी में थोड़ी गिरावट आने से पानी कुछ नीचे उतरने लगा है।
लेकिन बढ़ते और घटते जलस्तर दोनों से ही निचले इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। नदी के जलस्तर में इस तरह उतार-चढाव देख खड्डा रेता क्षेत्र के गांवों में रहने वाले लोग सहमे हुए हैं और उन्हें बाढ आने की चिंता अभी से सताने लगी है।

सीमावर्ती नेपाल के पहाड़ों में लगातार हो रही बारिश ने मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। ग्रामीणों के सामने मुसीबत इस बात की है कि यदि गांव में पानी घुसा तो बाढ़ तबाही मचाएगी और घटा तो तटबंध का कटाव तेज होगा।
वहीं बुधवार की सुबह वाल्मीकि नगर गंडक बैराज पर गंडक नदी का जलस्तर 87 हजार क्यूसेक से बढकर 1 लाख 31 हजार क्यूसेक के आसपास पहुंच गया। जलस्तर में हुई बढोत्तरी से अभियंताओं की सांसें अटक गयीं। लेकिन दोपहर बाद नदी के जलस्तर में गिरावट होता देख अभिंयाताओं ने राहत की सांस ली।
निचले इलाकों में कटाव का खतरा बढ़ चला है। जानकारों की माने तो अभी खतरा टला नहीं है। अभी नेपाल स्थित गंडक नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में सामान्य वर्षा होने के कारण गंडक नदी के जलस्तर में कमी दर्ज की जा रही है। जैसे ही नेपाल में मूसलाधार बारिश होगी।
वैसे ही गंडक नदी का जलस्तर भी बढ़ता चला जाएगा। मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक आने वाले दिनों में भारी बारिश के आसार हैं। जल संसाधन विभाग की ओर से गंडक नदी में दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने का अलर्ट जारी कर दिया गया है।
इसकी जानकारी होने पर पिपराघाट समेत एपी बांध के किनारे बसे गांवों के लोग सहम गए हैं। इसे लेकर बाढ़ खंड विभाग ने जहां बांधों पर चौकसी बढ़ा दी है। वहीं संभावित खतरे को देखते हुए अहिरौलीदान के लोगों ने पक्के मकानों को तोड़ने और सामानों को हटाने का कार्य तेज कर दिया है।
लोगों का कहना है कि बंधे की स्थिति काफी जर्जर है। अगर अब भी प्रशासन की ओर से बचाव कार्य नहीं कराया गया तो गांवों को बचाना मुश्किल होगा। नेपाल की पहाड़ियों पर हो रही भारी बारिश को देखते हुए जल संसाधन विभाग ने वाल्मीकिनगर बैराज से गंडक नदी में दो लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने का अलर्ट जारी किया है।
इससे पिपराघाट के साथ एपी बांध के किनारे बसे गांवों के लोग दहशत में हैं। पिछले सप्ताह जब लगातार दो दिन तक सवा लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। तो पिपराघाट से लगायत अहिरौली दान तक बंधे पर इतना दबाव बढ़ गया था कि लोग सकते में आ गए थे और पिपराघाट, तवकल टोला, शिवटोला, मुसहरी टोला, रानीगंज, जयपुर, नरवाटोला समेत अन्य कई टोले बाढ़ के पानी से घिर गए थे।
यही नहीं उसी दिन से कचहरी टोला भी कटान की जद में आ गया। बुधवार को भी नदी का कटान जारी होने से लोग भयभीत हो गए हैं। लोग अपने पक्के मकानों को तोड़कर सामानों को हटाने में लगे हुए हैं। गांव के लोगों का कहना है कि कचहरी टोले में 16 मई को प्रदेश सरकार की बाढ़ प्रबंधन मंत्री स्वाती सिंह ने दौरा भी किया था और उन्होंने गांव को कटान से बचाने के लिए बचाव कार्य जल्द शुरू कराने का आश्वासन भी दिया था।
इसके बावजूद बचाव कार्य शुरू न होने के कारण गंडक नदी का कटान अब भी जारी है। आलम यह है कि रोज यहां दो से तीन पक्के मकानों को तोड़ा जा रहा है। अब तक 10 से 15 मकान तोड़े जा चुके है। कटान से प्रभावित ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन जल्द कटान रोकने का कार्य शुरू कराए, नहीं तो डिस्चार्ज बढ़ने पर कचहरी टोला समेत कई गांवों का वजूद समाप्त हो सकता है। इस बाबत गंडक बैराज के अधीक्षण अभियंता नंद कुमार झा ने दूरभाष पर बताया कि एहतियात के तौर पर  गंडक बैराज को हाई अलर्ट पर रखा गया है।

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