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न्यायालय के निर्णयानुसार डिग्रीधारी जूनियर इंजीनियर्स की पदोन्नति की मांग

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लखनऊ। लोक निर्माण विभाग डिग्रीधारक अवर अभियन्ता संघ की बैठक दारूलशफा ‘ए’ ब्लाक स्थित कामन हाल में इंजीनियर अजय कुमार शुक्ला की अध्यक्षता एवं इ0 केएस गौतम के संयोजकत्व में सपन्न हुई। बैठक में विभागाध्यक्ष से उच्चतम न्यायालय, उच्च न्यायालय के निर्णय के साथ-साथ कार्मिक व न्याय विभाग के दिशा निर्देशों के अनुसार डिग्रीधारी जूनियर इंजीनियर्स की पदोन्नति में प्राथमिकता पारदर्शिता के साथ दिये जाने की मांग की गई।
डिग्रीधारी जूनियर इंजीनियर की जायज मांगों को डिप्लोमाधारी जूनियर इंजीनियर संख्या बल व हड़ताल की धमकी का डर दिखाकर विभागाध्यक्ष पर अनुचित दबाव बना रहे हैं। डिग्रीधारक अवर अभियन्ता संघ के पीड़ित जूनियर इंजीनियर प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री/लोक निर्माण विभाग मंत्री से मांग किया है कि डिप्लोमा जूनियर इंजीनियर संघ की मनमानी कार्यप्रणाली से डिग्रीधारक अवर अभियन्ताओं के उत्पीड़न पर रोक लगाई जायें।
बैठक को संबोधित करते हुए इं0 एचसी राय ने बताया कि मन चाही ट्रान्सफर/पोस्टिंग के लिए संघ के लिए सदस्यों से मनमानी वसूली कर उनको फर्जी पदाधिकारी दिखाकर/मनोनीत पदाधिकारी बनाकर/फर्जी मेडिकल बोर्ड द्वारा डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ द्वारा भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
इसमें आड़े आने वाले विभाग के ईमानदार व निर्भिक अधिकारियों के साथ बदसलूकी एवं झूठे आरोपों से उनको हतोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार व मंत्री लोक निर्माण विभाग से न्यायालय के निर्देशानुसार डिग्री धारी अवर अभियन्ताओं की पदोन्नति किये जाने की मांग किया है।
बैठक के संयोजक इं0 के0एस0 गौतम ने बताया कि सरकार की भ्रष्टाचार रोधी जवाबदेह एवं त्वरित कार्य प्रणाली को डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ द्वारा विफल किया जा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग किया कि उच्चतम न्यायालय व उच्च न्यायालय के विभिन्न आदेशों एवं नियमावली के प्रकाश में 105 रिक्तियों पर प्रोन्नति हेतु शासन/कार्मिक विभाग/न्याय विभाग से पात्र डिग्री धारियों के पक्ष में जो न्यायोचित अभिमत दिया गया है।
उसके अनुसार डिग्री धारी इंजीनियर्स पदोन्नति किया जाय। इं0 अशोक कुमार साहनी ने बताया कि राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए विभाग में डिप्लोमा इंजीनियर्स संघ द्वारा अराजकता फैलाकर विभाग के कार्मिकों को यह संदेश देने का प्रयास किया जा रहा है कि हड़ताल व धरना प्रदर्शन के द्वारा सरकार को झुका कर कोई भी अनैतिक कार्य कराया जा सकता है।

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