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कुम्भ मेला-2019 में बिखरेंगे देश-विदेश की सांस्कृतिक विरासत के रंग

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लखनऊ। कुम्भ मेला-2019 के अवसर पर 10 जनवरी, से 05 मार्च, 2019 के मध्य संस्कृति विभाग द्वारा कुम्भ मेला क्षेत्र में निर्मित 05 विविध सांस्कृतिक मंचों पर प्रदेश एवं देश-विदेश के कलाकार अपनी कलाओं को प्रदर्शित करेंगे। एक मंच पर उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र इलाहाबाद तथा एक मंच पर प्रदेश के अन्य प्रतिष्ठित संस्थाओं के कार्यक्रम होंगे।
संस्कृति विभाग के लिए यह अत्यन्त महत्वपूर्ण अवसर है कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर न केवल विभागीय गतिविधियों को बल्कि प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को प्रस्तुत किया जा सकता है। इस मेले को सुचारू रूप से सम्पन्न कराने के लिए मेला प्रशासन से उचित समन्वय करते हुए नगर विकास विभाग के साथ मिलकर यादगार आयोजन बनाया जा सकता है।
प्रमुख सचिव, संस्कृति जितेन्द्र कुमार ने आज यहां कुम्भ मेला क्षेत्र में कराये जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों से जुड़े हुए संस्कृति विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, इलाहाबाद तथा मेला प्रशासन के प्रतिनिधियों के साथ तैयार की गयी कार्य योजना की समीक्षा की।
उन्होंने अपर मेला अधिकारी, कुम्भ मेला से अपेक्षा की, कि सभी पण्डाल और सांस्कृतिक मंच यथा समय हस्तगत करा दिये जायें जिसमें प्रत्येक सांस्कृतिक पण्डाल परिसर में ही कलाकारों के आवास के साथ-साथ प्रशासनिक कक्ष की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो सके।
संस्कृति निदेशालय द्वारा गंगा, यमुना, सरस्वती मंचों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां करायी जायेंगी जिसमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न कलारूपों के साथ-साथ देश एवं विदेश के लब्ध प्रतिष्ठ कलाकारों को भी प्रस्तुतियों का अवसर प्राप्त होगा।
इस हेतु उन्होंने विभागीय अधिकारियों से यह अपेक्षा की कि कलाकारों की इन्वेन्ट्री को ऑनलाइन किया जाये और उच्च गुणवत्ता तथा पारदर्शिता अपनाये जाने हेतु साफ्टवेयर निर्मित कराने के साथ-साथ मोबाइल एप भी तैयार कराया जाये जिस पर कुम्भ मेला अवधि में कराये जाने वाले समस्त कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सके।
प्रमुख सचिव ने इस कार्यक्रम के व्यापक प्रचार-प्रसार तथा उच्च स्तरीय अभिलेखीकरण हेतु काफी टेबल बुक का प्रकाशन, ब्रोशर, डाक्यूमेन्ट्री फिल्म आदि के निर्माण पर भी बल दिया।  उन्होंने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की ब्रांण्डिंग करने तथा कुम्भ के सांस्कृतिक, ऐतिहासिक व आध्यात्मिक महत्व से युक्त आकर्षक मोमेण्टो, सावनेयर आदि के तैयार किये जाने के निर्देश दिये।
इस हेतु विज्ञापन के माध्यम से फर्म का चयन करते हुए एक ऐसे सोविनियर/स्मृति चिन्ह का निर्माण कराया जाये जिसे आने वाले पर्यटक, श्रद्धालु तथा आमजन अपने साथ ले जा सकें। कुम्भ मेला क्षेत्र में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ-साथ इन्टरप्रेटेशन सेन्टर के अन्तर्गत उच्च स्तरीय अभिलेख प्रदर्शनी, चित्रकला प्रदर्शनी तथा मूर्ति कला प्रदर्शनी के आयोजन के साथ-साथ इनके दस्तावेजीकरण जैसे कार्यों को समयबद्ध/चरणबद्ध योजना तैयार कर सम्पन्न किया जाना होगा।

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