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बाढ़ के मद्देनजर जिलों की हर तहसील में बनाया जाए मॉडल राहत कैम्प: मुख्य सचिव

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05 उत्कृष्ट राहत कैम्पों का चयन कर जिलाधिकारियों को किया जाएगा सम्मानितः डा. पाण्डेय

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने निर्देश दिये हैं कि संभावित बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुये जनपद की प्रत्येक तहसील में कम से कम एक राहत कैम्प को मॉडल राहत कैम्प के रूप में स्थापित कर संचालित कराने के लिए आवश्यक व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित करा ली जायें। उन्होंने आम नागरिकों की जानकारी के लिए कैम्प के बाहर ‘मॉडल राहत कैम्प’ का बैनर भी लगाये जायें।
उन्होंने कहा कि राहत कैम्प में प्रतिदिन दो बार स्वच्छ एवं पौष्टिक भोजन व्यस्क पुरुष एवं महिला हेतु 2400 किलो कैलोरीयुक्त एवं अव्यस्क हेतु 1700 कैलोरीयुक्त की व्यवस्था निर्धारित पूर्व मैन्यू के अनुसार सुनिश्चित करायी जाये। उन्होंने कहा कि बच्चों एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को दूध, फल एवं पौष्टिक आहार भी उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये।
उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि मॉडल राहत कैम्प के संचालन हेतु उपजिलाधिकारी से निम्न अधिकारी को प्रभारी अधिकारी नामित किया जाये, जिसके सहयोग हेतु नोडल अधिकारी के रूप में तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार की ड्यूटी लगायी जाये। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि संभावित बाढ़ग्रस्त जनपदों में नदियों के जलस्तर की निरन्तर मॉनीटरिंग कर बढ़ते हुये जल स्तर के अनुसार स्थानीय स्तर पर आवश्यक व्यवस्थायें समय से सुनिश्चित करा ली जायें, ताकि कोई अप्रिय घटना कतई घटित न होने पाये।
मुख्य सचिव आज योजना भवन में वीडियो कान्फ्रेन्सिंग के माध्यम से संभावित बाढ़ को दृष्टिगत रखते हुये बाढ़, राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सम्बन्धित जिलाधिकारी अपने-अपने जनपदों में बाढ़ से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों, बंधों आदि का विभिन्न विभागों के जनपदीय अधिकारियों के साथ निरीक्षण कर संवेदनशील एवं क्षतिग्रस्त बंधों की मरम्मत का कार्य तत्काल पूर्ण कराना सुनिश्चित करायें।
उन्होंने कहा कि राहत कैम्पों में पेयजल, शौचालय, विद्युत, स्वास्थ्य व सुरक्षा आदि कि व्यवस्था के साथ नोडल अधिकारी एवं चिकित्सकों की तैनाती तथा प्रकाश व्यवस्था हेतु हेलोजन, जनरेटर, पेट्रोमैक्स, तारपोलीन आदि की व्यवस्था पूर्व से ही सुनिश्चित करा ली जाये। उन्होंने कहा कि राहत कैम्पों में बच्चों के खेलने एवं पढ़ने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने हेतु आवश्यकतानुसार खिलौने तथा शिक्षा विभाग से शिक्षकों की ड्यूटी लगायी जाये।
मुख्य सचिव ने समस्त जिलाधिकारियों को यह भी निर्देश दिये कि राहत कैम्प की वीडियो फुटेज व फोटो आदि प्रतिदिन अनिवार्य से भिजवाना सुनिश्चित करायेंगे। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा प्रदेश के मॉडल राहत कैम्पों का सर्वे कराया जायेगा तथा प्रदेश के 05 उत्कृष्ट राहत कैम्पों का चयन कर उनके जिलाधिकारियों को सम्मानित भी कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि मानव राहत कैम्पों में रहने वाले शरणार्थियों का विवरण एवं कैम्प में होने वाले व्यय संबंधी अभिलेख सुरक्षित रखना अनिवार्य होगा।

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