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यूपी को दैवीय आपदा क्षेत्र घोषित करे सरकार: कांग्रेस

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लखनऊ। कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में इस वर्ष मानसून न सिर्फ देरी से आया बल्कि पूरे प्रदेश में 50 प्रतिशत से कम बारिश हुई है जिसके चलते पूरे प्रदेश में विशेषकर मध्य, बुन्देलखण्ड एवं पूर्वी उ.प्र. में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। लेकिन प्रदेश की योगी सरकार किसानों की दुर्दशा एवं आसन्न सूखे की स्थिति की तरफ से पूरी तरह आंख मूंदे बैठी है।
ऐसा लगता है कि प्रदेश की योगी सरकार को किसानों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं रह गया है। कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि प्रदेश सरकार तुरन्त पूरे प्रदेश को दैवीय आपदा क्षेत्र घोषित करे एवं किसानों की सभी प्रकार की वसूली को तत्काल स्थगित करे।
कांग्रेस पार्टी ने आईपीएन को भेजे अपने बयान में कहा है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में वादा किया था कि सत्ता में आने पर नहरों के टेल तक पानी पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे, किन्तु इस वर्ष खरीफ की बुआई का समय लगभग बीत जाने के बाद अभी तक नहरों में पानी नहीं पहुंचा है। एक तरफ खराब मानसून और दूसरी तरफ सरकारी दुर्व्यवस्था का शिकार प्रदेश का किसान हो रहा है।
कांग्रेस ने कहा है कि किसानों की बदहाली दिन-प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है। भाजपा की सरकार जबसे प्रदेश में सत्ता में आयी है किसानों को सिर्फ झूठे वादे ही मिले हैं। भाजपा सरकार ने न्यूनतम घोषित मूल्यों पर धान और गेहूं की खरीददारी न के बराबर की जिससे किसानों को कौड़ियों के मूल्य पर अपनी फसल को बेंचना पड़ा।
योगी सरकार के द्वारा किसानों के कर्जमाफी का वादा भी एक जुमला ही साबित हुआ। उ.प्र. का किसान आज भी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। यहां यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि भाजपा ने जिस तरह से बिजली के मूल्यों में दोगुनी वृद्धि की है उसने किसानों की कमर ही तोड़ दी है।
कांग्रेस ने कहा है कि एक तरफ गन्ना और गेहूं किसान सरकार की नीतियों से परेशान होकर आत्महत्या कर रहे हैं दूसरी तरफ योगी और मोदी प्रदेश में अपने हवाहवाई दौरों से शासन के ऊपर और आर्थिक बोझ डाल रहे हैं। स्वामीनाथन के सुझावों को दरकिनार करते हुए फसल की खरीद का कोई इन्तजाम नहीं किया गया। बिचौलियों को फायदा पहुंचाने के लिए और आग उगलती मंहगाई की मार झेलते हुए किसानों के लिए यह दोहरी मार है।

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