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मेगा फूड पार्क की स्थापना के लिए भूमि का प्रबन्ध जल्द कराने के निर्देश

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डॉ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने निर्देश दिये हैं कि गोरखपुर में मेगा फूड पार्क की स्थापना के लिए भूमि का प्रबन्ध जल्द से जल्द नियमानुसार कराया जाये। उन्होंने भण्डार गृहों को लाइसेंस देने के लिए अग्निशमन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्रदान करने की प्रक्रिया में तेजी लाने हेतु आवश्यकतानुसार नियमावली बनाने के भी निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्यमियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने हेतु होम्योपैथिक एवं एलोपैथिक औषधियों के निर्माण के लिए एल्कोहल के प्रयोग हेतु एल-1 व एल-2 लाइसेंस से संबंधित नियमावली यथाशीघ्र बनाई जाये। उन्होंने विद्युत वितरण निगमों में सामग्री तथा वस्तुओं की आपूर्तिकर्ताओं के बिलों में स्टेट जी.एस.टी. काटे जाने की समस्या के निदान हेतु एक समिति का गठन भी कराने के निर्देश दिये।
उन्होंने प्रदेश में लाल श्रेणी उद्योगों की वैद्यता अवधि भारत सरकार की भांति 05 वर्ष किये जाने के निर्देश दिये। वर्तमान में उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा रेड केटेगरी (लाल श्रेणी) के उद्योगों को 02 वर्ष की सशर्त कंसेण्ट प्रदान की जा रही थी। मुख्य सचिव एवं औद्योगिक विकास आयुक्त डॉ0 अनूप चंद्र पाण्डेय आज योजना भवन में उद्यमियों की समस्याओं के निवारण हेतु उद्योग बंधु की उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता कर आवश्यक निर्देश दे रहे थे।
दो दिन पूर्व 60,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाले 81 निवेश प्रस्तावों के कार्यान्वयन हेतु शुभारम्भ को ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह में सफलतापूर्वक आयोजित करने के उपरान्त, मुख्यमंत्री, योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार प्रदेश सरकार द्वारा आज प्रदेश में विद्यमान उद्यमियों व उद्योगपतियों के साथ एक व्यापक संवाद-सत्र आयोजित कर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे थे।
उन्होंने उद्यमियों के 51 प्रकरणों को समयबद्ध निस्तारण हेतु सम्बंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये। ट्रान्स दिल्ली सिग्नेचर सिटी मे वसी ड्रेन से प्रदूषित उत्प्रवाह के निस्तारण हेतु सार्वजनिक अपशिष्ट उपचार संयंत्र की स्थापना हेतु डी.पी.आर. भारत सरकार का उपक्रम राइट्स लि. तैयार करेगा। डॉ0 अनूप चन्द्र पाण्डेय ने उपस्थित उद्यमियों का स्वागत करते हुए कहा कि ”प्रदेश में बदलते हुए निवेशोन्मुख वातावरण के परिप्रेक्ष्य में आपकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
उद्योग बन्धु निवेशकों एवं उद्यमियों की समस्याओं के निराकरण की दिशा में प्रयासरत् है, इसी का परिणाम है कि इस सन्दर्भ में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी राज्यों की श्रेणी में आ गया है।“ उत्तर प्रदेश में विद्यमान उद्योगों से संबंधित समस्याओं व प्रकरणों के त्वरित निस्तारण व नियमित अनुश्रवण हेतु यह 8वीं मासिक बैठक थी, जिसमें लगभग 70 उद्योगपतियों ने भाग लिया तथा 51 प्रकरणों के शीघ्र एवं समयबद्ध निस्तारण हेतु निर्देश जारी किए गए।
मुख्य सचिव ने गृह विभाग को निर्देशित किया कि कोल्ड-स्टोरेज एसोसिएशन, उ.प्र. के सुझाव तथा आपत्तियां आमंत्रित करते हुए भण्डारगृहों को लाइसेंस देने हेतु अग्निशमन विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्रदान करने की प्रक्रिया हेतु नियमावली शीघ्र तैयार की जाए। उन्होंने मेडिसिनल एण्ड टॉयलेट (एक्साइज़ ड्यटी) प्रिपरेशन ऐक्ट 1955 के अन्तर्गत होम्योपैथिक एवं एलोपैथिक औषधियों के निर्माण के लिए एल्कोहल के प्रयोग हेतु एल-1 व एल-2 लाइसेंस से संबंधित नियमावली भी बनाने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने ने निर्देश दिए कि ट्रान्स-दिल्ली सिग्नेचर सिटी (ट्रोनिका सिटी) में वसी ड्रेन से प्रदूषित उत्प्रवाह के निस्तारण हेतु सार्वजनिक अपशिष्ट उपचार संयंत्र (सी.इ.टी.पी.) की स्थापना हेतु विस्तृत परियोजना आख्या (डी.पी.आर.) भारत सरकार के उपक्रम राइट्स लि. द्वारा तैयार कराई जाए। इण्डियन इण्डस्ट्रीज़ एसोसिएशन (आई.आई.ए.), उत्तर प्रदेश की इस मांग पर कि प्रदेश में सगे संबंधियों में अचल सम्पत्ति, यथा-उद्योगों की प्रॉपर्टीज़, मशीनरी, भूखण्ड आदि के हस्तानन्तरण में स्टॉम्प ड्यूटी में छूट प्रदान की जाए, यह बताया गया कि इस दिशा में यथोचित कार्यवाही की जा रही है।
मे. अर्शिया इण्टरनेशनल, खुर्जा को विशेष आर्थिक परिक्षेत्र (एस.ई.ज़ेड) नीति के अन्तर्गत अनुमन्य सुविधाएं प्रदान किए जाने के संबंध में मुख्य सचिव ने मा. मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मे. रामवे फूड्स लि. के अलीगढ़ विकास प्राधिकरण से मानचित्र अनुमोदन के संबंध में निर्देश दिए गए कि उपनियमों में आवश्यक संशोधन करते हुए उद्यम की समस्या का निराकरण शीघ्र किया जाए।
आई.आई.ए. द्वारा प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों में सामग्री तथा वस्तुओं की आपूर्तिकर्ताओं के बिलों में स्टेट जी.एस.टी. लगाए जाने की समस्या को हल करने के उद्देश्य से मुख्य सचिव/आईआईडीसी द्वारा औद्योगिक विकास, ऊर्जा तथा वित्त विभाग के प्रतिनिधियों की एक तीन सदस्ययी समिति के गठन का निर्देश दिये गये।
बैठक में औद्योगिक विकास विभाग, उ.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वन विभाग, ऊर्जा विभाग, आवास विभाग, नगर विकास विभाग, लोक निर्माण विभाग, स्टॉम्प एवं पंजीयन विभाग, कृषि विपणन विभाग, सूक्ष्म, लघु मध्यम उद्यम विभाग, आबकारी विभाग, गृह विभाग, सहकारिता/उ.प्र. भण्डारागार निगम/भारतीय खाद्य निगम, कर एवं निबंधन विभाग, यू.पी.एस.आई.डी.सी., पिकप व यू.पी.एफ.सी. से सम्बन्धित 51 प्रकरणों के समाधान हेतु विचार किया गया। अधिकतर प्रकरणों का निराकरण कर सम्बन्धित विभाग को समयबद्ध निष्पादन हेतु निर्देशित किया गया। बैठक में उद्यमियों एवं औद्योगिक संगठनों तथा सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
उद्यमियों के अतिरिक्त प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास राजेश कुमार सिंह, प्रमुख सचिव, ऊर्जा आलोक कुमार, प्रमुख सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग नवनीत सहगल, आबकारी आयुक्त धीरज साहू, संयुक्त अधिशासी निदेशक, उद्योग बन्धु अरुण कुमार के साथ लगभग 70 उद्यमियों सहित लगभग 15 सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में प्रतिभाग किया।

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