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लखनऊ में नाबालिग बच्चे को थर्ड डिग्री टार्चर करने मामले में जांच के आदेश

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लखनऊ। राष्ट्रीय बाल आयोग ने सूबे की राजधानी लखनऊ के थाना हसनगंज में नाबालिग बच्चे को थर्ड डिग्री टार्चर करने और फर्जी मुकदमें में फ़साने की धमकी देते हुए एक लाख रुपये लेकर छोड़ने के मामले को गंभीरता से लिया है। आयोग ने लखनऊ के जिलाधिकारी को मामले की जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही आयोग ने 30 दिनों के अन्दर जांच रिपोर्ट भी मांगी है। बता दें कि ह्यूमन राईट मानिटरिंग फोरम ने 24 जुलाई 2018 को राष्ट्रीय बाल आयोग को शिकायत कर बताया कि लखनऊ के थाना हसनगंज की पुलिस नाबालिग को पांच दिनों से अवैध हिरासत में रखकर थर्ड डिग्री टार्चर कर रही है।
ह्यूमन राईट मानिटरिंग फोरम के सचिव अमित ने बताया कि लखनऊ के सीतापुर रोड स्थित निरालानगर, अहिबरनपुर मकान न. 538/125 की रहने वाली पूनम शुक्ला पत्नी संजय शुक्ला ने फोरम से मदद की अपील कर रोते हुए बताया था कि उनके नाबालिक पुत्र प्रांशु को 20 जुलाई को हसनगंज थाने के दरोगा पंकज मिश्रा और चार पांच पुलिसकर्मी घर से मारते पीटते हुए उठा कर ले गए और हसनगंज थाने में पाच दिनों से रखकर बेरहमी से पिटाई कर रहे हैं और पूछने पर उनके बेटे का न ही अपराध बता रहें है और ना ही उन्हे प्रांशु से मिलने दे रहें हैं।
उन्होंने ये भी बताया कि हसनगंज के दरोगा पंकज मिश्रा उनके बच्चे को थाने से छोड़ने के लिए एक लाख रुपये मांग रहें हैं। नहीं देने पर उनके बच्चे को फर्जी मुकदमें में फ़साने की धमकी दे रहें हैं। फोरम के सचिव ने पीड़िता की बातों को गंभीरता से लेते हुए तत्काल एसएसपी लखनऊ, आईजी लखनऊ से बातकर मामले में हस्तक्षेप करने की बात कही और मुख्यमंत्री, डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों को ट्विटर से अवगत कराया।
फोरम ने 24 जुलाई को राष्ट्रीय बाल आयोग, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग, डीजीपी उत्तर प्रदेश, एसएसपी लखनऊ, आईजी लखनऊ को इमेल से शिकायत भेजकर मामले में हस्तक्षेप कर कानूनी कार्यवाही करने का अनुरोध किया था। मामले में ह्यूमन राईट मानिटरिंग फोरम की शिकायत को राष्ट्रीय बाल आयोग ने संज्ञान लेते हुए लखनऊ जिलाधिकारी को जांच का आदेश दिया है। साथ ही आयोग ने 30 दिनों के अन्दर जांच रिपोर्ट भी मांगी है।

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