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UPSRTC की वेबसाइट हैक कर बिना भुगतान ई-टिकट बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश

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दो नाबालिग व सरगना समेत चार गिरफ्तार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग (UPSRTC) की वेबसाइट को हैक करके बिना भुगतान ई-टिकट बनाकर लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान पहुचांने वाले गिरोह का आज पर्दाफाश कर दिया। एसटीएफ ने लखनऊ के वजीरगंज इलाके से आज दोपहर गिरोह के सरगना समेत चार सदस्यों को गिरफ्तार किया, जिसमें दो नाबालिग भी हैं।
आरोपियों के पास से चार मोबाइल मिले है। पकडा गया गिरोह वेव एक्लीकेशन सिक्योरिटी टेस्टिंग साफ्टवेयर की मद्द से यूपीएसआरटीसी के आन लाइन सिस्टम की खामियों का फायदा उठाते हुए बिना भुगतान ही ई-टिकट बना रहा था। इन टिकटों की बिक्री के लिए इस गिरोह ने बकायदा वॉट्सऐप और फेसबुक पर कई ग्रुप बना रखे थे। यात्रियों के सर्म्पक करने पर गिरोह के लोग टिकट उन्हें बेचकर खुद पैसा रख लेते थे।
पकड़े गए लोगों में गिरोह का सरगना अमित कुमार भारती और मुदित शर्मा निवासी गण रावत पुर गांव थाना कल्याणपुर जनपद कानपुर नगर है। इनके अलावा दो नाबालिग है, जिनकी पहचान एसटीएफ ने गोपनीय रखी है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग के प्रबंध निदेशक ने पुलिस महानिरीक्षक अमिताभ यश से यूपीएसआरटीसी की वेबसाइट में ई-टिकट बुकिंग में गड़बड़ी की शिकायत करते हुए इस मामले की जांच का अनुरोध किया था।
बताया था कि यूपीएसआरटीसी की वेबसाइट के जरिए कुछ लोग टिकट बुकिंग तो कर रहे थे लेकिन इसके एवज में भुगतान नहीं दर्शा रहा था। इस पर आईजी ने एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह को निर्देश दिए गए और उन्होंने इस पर एएसपी एसटीएफ त्रिवेणी सिंह को कार्रवाई की जिम्मेदारी सौंपी। इस मामले में वजीरगंज थाने में आईपीसी की धारा 420 और 66डी आईटी ऐक्ट पहले से ही मुकदमा पंजीकृत है।
एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि मामले की जांच में जुटी एएसपी त्रिवेणी सिंह की टीम ने पड़ताल करते हुए इस गैंग के सरगना अमित कुमार भारती को चिन्हित किया। और फिर सभी सदस्यों को सन्देह के आधार पर पूछताछ के लिए थाना वजीरगंज बुलाया गया। पूछताछ में संदेह कि पुष्टि हो जाने पर आज पुलिस व एसटीएफ साइबर की संयुक्त टीम चारों को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ मे आरोपियों ने बताया कि हैकिंग के माध्यम से बिना पैसे दिये टिकट बुक कराने वाले इस तरह के सदस्य कई राज्यों की राजधानी में सक्रिय हैं। इनके गैंग द्वारा फेसबुक पर अपने साथियों के कई ग्रुप बनाए गए हैं और वॉट्सऐप पर भी बिजनस ग्रुप बनाकर चैट करते थे।

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