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मनमाना फरमान, अब माह की 15 तारीख तक खुद रीडिंग लेकर बिल नहीं जमा कर सकेंगे बिजली उपभोक्ता

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विरोध में उपभोक्ता परिषद नियामक आयोग में दाखिल करेगा अवमानना याचिका

लखनऊ। बिजली उपभोक्ताओं की सुविधा को दरकिनार कर उप्र पावर कार्पोरेशन ने मनमाने तरीके से एक नया फरमान जारी कर दिया है। इस फरमान के कारण उपभोक्ता महीने की 15 तक स्वयं अपने मीटर की रीडिंग लेकर ई सुविधा काउन्टर पर अपना बिल नहीं जमा कर पायेंगे।
दरअसल पावर कार्पोरेशन ने अपने बिलिंग साफ्टवेयर में अब यह व्यवस्था करा दी गयी है कि कोई भी विद्युत उपभोक्ता अपने मीटर की स्वयं रीडिंग लेकर ई सुविधा बिलिंग काउन्टर पर बिल बनवाकर महीने की 15 तरीख या उससे पहले नहीं जमा कर सकता।
कार्पोरेशन का यह नया आदेश जहां लाखों उपभोक्ताओं की परेशानी का सबब बन गया है। वहीं पावर कार्पोरेशन की इस मनमानी के खिलाफ उ.प्र. राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग में सोमवार को अवमानना याचिका दाखिल करने का फैसला लिया है।
बता दे कि विद्युत वितरण संहिता 2005 के अध्याय 6 की धारा-6.1 में उपभोक्ताओं को यह विकल्प दिया गया है कि वह स्वयं रीडिंग लेकर कभी भी बिल जमा कर सकता है। यदि विभाग चाहे तो उसे वेरीफाई करा सकता है, लेकिन उसकी इस सुविधा पर विभाग इस तरह की रोक नहीं लगा सकता। यह व्यवस्था बिजली विभाग में वर्ष 2000 से चली आ रही है। लेकिन पावर कार्पोरेशन इसमें बदलाव कर रहा है, जिसके लिए आदेश दिए जा चुके हैं।
इस सम्बन्ध में उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि नियामक आयोग द्वारा उपभोक्ताओं को एडवांस बिल जमा करने का अधिकार दिया गया है। आयोग द्वारा बनायी गयी परिपाटी में पावर कार्पोरेशन को बदलाव का कोई भी अधिकार नहीं है। यदि इसमें कोई संशोधन करना था तो कार्पोरेशन को हाल ही में आयोग द्वारा आयोजित बैठक में मामला रखना था।
उन्होंने कहा कि केवल राजधानी लखनऊ में एचसीएल बिलिंग सिस्टम पर 7 लाख विद्युत उपभोक्ताओं में से लगभग 3 लाख् उपभोक्ता अपनी मीटर रीडिंग लेकर स्वयं बिल जमा करवाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर बिजली विभाग के अधिकारियों का यह तर्क है कि उपभोक्ता रीडिंग स्टोर कर लेते हैं तो उनसे मैं यह पूछना चाहता हूॅ कि उनके पास क्या आंकड़ा है कि 3 लाख उपभोक्ताओं में कितने उपभोक्ताओं ने अपनी रीडिंग छुपायी।
अपनी अक्षमता का खामियाजा विद्युत उपभोक्ताओं पर डालना पूरी तरीके से गलत है। काम तो विभाग के लोग ठीक से नहीं कर रहे, तभी उपभोक्ताओं को खुद रीडिंग लेकर बिल जमा करना पड़ता है। विभाग के कर्मियों की पोल जो हाल ही में ऊर्जा मंत्री के औचक निरीक्षण में खुल चुकी है।
उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को परेशान करने वाले इस आदेश का स्वीकार नहीं किया जाएगा। पावर कार्पोरेशन को बिना देरी किए अपना मनमाना आदेश वापस लेना चाहिए। परिषद अध्यक्ष ने कहा कि उपभोक्ताओं के हित में इस मनमाने आदेश के खिलाफ विद्युत नियामक आयोग में जल्द ही एक अवमानना याचिका दाखिल की जायेगी।

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