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भाजपा विधायक के खिलाफ 20 लाख के फ़र्जीवाड़े में दर्ज होगा मुकदमा 

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भदोही। उत्तर प्रदेश के भदोही से भाजपा के विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी के खिलाफ मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने सोमवार को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। विधायक पर आरोप है कि उनहोंने ज़मीन का फर्जी अनुबंध तैयार कर कन्या विद्यालय के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से 20 लाख रुपए का फर्जी अनुदान लिया। जबकि यह ज़मीन उनके नाम नहीं थी।
इसमें विधायक के पिता, भाई, बेटे के साथ छह लोगों को आरोपी बनाया गया है। पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक आनंदकर पाण्डेय की भी भूमिका संदिग्ध बतायी गयी है। इस मामले की एक याचिका विधायक के पड़ोसी ने अदालत में दाखिल किया था। भाजपा विधायक रवीन्द्रनाथ त्रिपाठी ने इस मामले में कहा है कि सारे आरोप फर्जी है। ज़मीन पुस्तैनी है, उसका मुकदमा अदालत में विचाराधीन है।
यह फर्जी रजिस्ट्री थी तो 17 साल लोग चुप क्यों थे। जाँच में सब तस्वीर साफ हो जाएगी। फर्जी अनुदान का सवाल ही नहीं उठता है। यह मेरी छवि बदनाम करने की साजिश है। जाँच में स्थिति साफ हो जाएगी। पुलिस का दावा है कि ऐसी शिकायत उसके पास नहीं आयीं है।
भदोही जिले के सुरियावां के चौगना निवासी विधायक के पड़ोसी कृष्णानंद तिवारी ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत से गुहार लगाई थी कि जिस ज़मीन को विधायक ने फर्जी अनुबंध के आधार पर कन्या विद्यालय के लिए सरकार को 2008 में रजिस्ट्री किया है वह ज़मीन विधायक के नाम नहीं है। वह ज़मीन आराजी संख्या – 126 में रकबा 1.7910 हेक्टेयर के रुप में सहखातेदारों के नाम दर्ज है।
जिसमें विधायक के पिता विक्रमादित्य तिवारी का हिस्सा साढ़े तीन बिस्वा बनता है। लेकिन भाजपा विधायक और बेटे रवीन्द्र नाथ त्रिपाठी ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर मेरे हिस्से की ज़मीन भी कन्या विद्यालय के लिए सरकार को रजिस्ट्री कर 20 लाख रुपए का गलत तरीके से अनुदान हासिल किया। यह 14 बिस्वा संक्रमणीय ज़मीन है जबकि विधायक के पिता की हिस्सेदारी सिर्फ साढ़े तीन बिस्वा बनती है।
वहीं ज़मीन विधायक के नाम भी नहीँ है। दूसरी बात वह मेरे हिस्से की ज़मीन है। आरोप लगाया गया है कि ज़मीन पर निजी घर बनवा लिया गया। अदालत में याचिका दायर करने वाले कृष्णानंद तिवारी का आरोप है कि जब हम सुरियावां पुलिस के पास गए तो सत्ता का रुतबा होने की वजह से पुलिस ने थाने से डाटकर भगा दिया।
पुलिस अधीक्षक भदोही से भी शिकायत किया, लेकिन मुकदमा नहीं लिखा गया। जिसकी वजह से अदालत से गुहार लगानी पड़ी। दोनों पक्षकारों की दलील सुनने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भदोही की अदालत ने भाजपा विधायक और परिजनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।

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