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यूपी में पर्यटन की अपार क्षमताओं को नहीं हो पाया दोहन: योगी

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कुम्भ में 192 देशों के प्रतिनिधि किए गए हैं आमंत्रित : मुख्यमंत्री
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां कहा कि यूपी डोमेस्टिक टूरिस्ट विजिट के मामले में देश में दूसरे स्थान पर और फॉरेन टूरिस्ट विजिट में पूरे देश में तीसरे स्थान पर है। पर्यटन की जो संभावनाएं होनी चाहिए वह सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के अंदर मौजूद हैं। लेकिन पर्यटन की दृष्टि से अत्यन्त समृद्ध होने के बाद भी अभी तक यूपी की पूर्ण क्षमता का दोहन नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार में अर्थव्यवस्था के विकास से पर्यटन की गतिविधियां बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, जो पर्यटन के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। उत्तर प्रदेश में पर्यटन को विकसित करने और बढ़ाने में यूपी टै्रवल मार्ट प्रभावी भूमिका निभा सकता है।
मुख्यमंत्री सोमवार को इन्दिरा गाँधी प्रतिष्ठान में उप्र पर्यटन विभाग तथा फिक्की के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘उत्तर प्रदेश टै्रवल मार्ट-2018’ के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। प्रयाग कुम्भ की बात करते हुए योगी ने कहा कि जनवरी 2019 से मार्च के प्रथम सप्ताह तक होने वाले दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक और अध्यात्मिक आयोजन कुंभ में करीब 12 करोड़ लोग आएंगे। हमने प्रयाग में होने वाले इस कुम्भ के लिए आगामी दिसम्बर में विश्व के 192 देशों के प्रतिनिधियों एवं अधिकारिगणों को आमंत्रित किया है। उन्होंने कहा कि कुंभ में इस बार देश के 6 लाख गांवों के कम से कम एक या दो पर्यटकों को लाने की व्यवस्था भारत सरकार के साथ मिलकर की जा रही है।
योगी ने कहा कि कुंभ के आयोजन के साथ-साथ जनवरी 20-23 के बीच वाराणसी में प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन भी किया गया है। इसमें भी करीब 6000 प्रवासी भारतीय हिस्सा लेंगें। इनके माध्यम से विश्व में उत्तर प्रदेश के पर्यटन को एक पहचान मिल सकेगी। योगी ने कहा कि केंद्र सरकार ने जो अपनी पर्यटन से जुड़ी हुई अनेक योजनाएं घोषित की हैं, उनमें उत्तर प्रदेश मुख्य केंद्र बिंदु है। ईको टूरिज्म से जुड़े हुए अनेक स्थान उत्तर प्रदेश में हैं। उन सभी के विकास की योजनाओं पर काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यूपी स्प्रिचुअल टूरिज्म और हैरिटेज टूरिज्म के मामले में भी काफी संपन्न है। आगरा में ही 5 हैरिटेज साइट्स हैं, जिन्हें यूनेस्को ने चिह्नित किया है। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक पर्यटन सर्किटों जैसे राम सर्किट, कृष्ण सर्किट, बुद्ध सर्किट आदि का विकास करके इनकी अवस्थापना सुविधाएं और बेहतर की जाएंगी। इसके अलावा पर्यटकों की सुविधा के लिए मथुरा, वृंदावन, अयोध्या, प्रयाग, विंध्याचल, नैमिषारण्य, चित्रकूट, कुशीनगर और वाराणसी आदि में पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में मौजूद बौद्ध धर्म स्थलों का विकास किया जाएगा, ताकि बौद्ध अनुयायियों के अलावा अन्य पर्यटक भी इन स्थलों की ओर आकर्षित हो सकें। योगी ने कहा कि प्रदेश में अनेक वन्य जीव अभ्यारण्य भी मौजूद हैं, जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में भी पर्यटन की असीम सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सुरक्षा की दृष्टि से आज देश में सबसे सुरक्षित स्थल बन रहा है, जो पर्यटन के लिए सबसे आवश्यक है। अब तो यहां की आवागमन की स्थिति भी काफी सुधरी है।
उन्होंने कहा कि लखनऊ, वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर और कानपुर प्रदेश व देश की राजधानी से वायुमार्ग से जुड़े हुए हैं। अब कुशीनगर और जेवर में इंटरनैशनल एयरपोर्ट बनाने की तैयारी हो रही है। आने वाले समय में बरेली, मुरादाबाद, अलीगढ़ और आजमगढ़ जैसे जनपदों को भी वायुमार्ग से जोड़ा जाएगा। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि यूपी में विलेज टूरिज्म हेरिटेज टूरिज्म, कल्चरल टूरिज्म के कारण पर्यटन की संभावनाएं भरी पड़ी हैं।
प्रदेश को एक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना हमारा उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विकास के लिए सरकार और निजी क्षेत्र की भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि अच्छे टूर पैकेज राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। उन्होंने कहा कि प्रयाग में आयोजित होने वाले कुम्भ-2019 को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कैसे स्थान दिलाया जाए इस पर काम करना होगा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पर्यटन के विस्तार और विकास से रोजगार का सृजन भी होगा।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने ‘उप्र अ न्यू ग्रोथ ड्राइवर ऑफ टूरिज्म इन्वेस्टमेंट इन इण्डिया’ तथा ‘उप्र अ कॉन्गलोमेरेशन ऑफ कल्चर, रिलीजियस एण्ड हेरिटेज टूरिज्म’ पुस्तक का विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान राज्य पर्यटन विकास निगम की प्रबन्ध निदेशक सी. इन्दुमती, फिक्की के सेक्रेटरी जनरल दिलीप चेनॉय, गिरीश ओबरॉय, टूर ऑपरेटर्स तथा पर्यटन सेक्टर से जुड़े निजी क्षेत्र के अन्य लोग मौजूद थे। इस कार्यक्रम में लगभग 23 देशों के 50 टूर ऑपरेटर्स के साथ-साथ 18 भारतीय टूर ऑपरेटर्स भी सम्मिलित हो रहे हैं।

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