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अस्त हुई वर्षों से चली आ रही निराशा, होमगार्ड विभाग की बदली परिभाषा

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स्पर्श दीक्षित (टी टाइम्स ग्रुप के विशेष सम्वाददाता)

होमगार्ड्स की बेरोज़गारी सभी राज्य सरकारो के लिये हमेशा से ही एक चुनौतिपूर्ण विषय रहा है लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने इन विषम परिस्थितयों के बावजूद इस क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है।
उत्त्तर प्रदेश सरकार ने 25000 होमगार्डो की ड्यूटी थानों में अतरिक्त रूप से बढ़ायी और आज हर क्षेत्र को मिला कर देखा जाये तो 90000 होमगार्डो को आज रोजगार की सौगात मिली है।विभिन्न जनपदों में होमगार्ड भर्ती के आदेश मुख्यालय द्वारा दिये गये थे।
जिसमें इलाहाबाद में भर्ती प्रक्रिया जे दौरान गलती की बात उजागर हुई जिसके चलते जिला कमांडेंट प्रियवत सिंघ एवम निरक्षक श्री अंतिम सिंघ को निलम्बित कर दिया गया।
वही श्री संजीव कुमार शुक्ला कमांडेन्ट केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान को प्रशिक्षण का दायित्व सौंपने के बाद प्रशिक्षण के स्तर में काफी सकरात्मक बदलाव देखने को मिला, वही दूसरी तरफ होमगार्ड विभाग द्वारा अवैध वसूली रोकने के लिये एक अभियान चलाया गया और इसके तहत श्री शिवेंद्र कुमार तेवतिया, श्री महीपाल,एवम राहुल कुमार को दोषी पाया गया।
इन तीनों लोगों को तत्काल रूप से निलम्बित कर दिया गया, और 15 दिन की नोटिस दे कर सेवाओ से निष्कासित कर दिया गया।इस घटना की जांच श्री शैलेंद्र प्रताप सिंघ कमांडेंट इलाहबाद द्वारा की गई।
जनपद एटा के श्री रामवीर सिंघ एटुडीसी की जांच करायी गयी जिसके बाद उनको निलम्बित कर दिया गया। जनपद गोरखपुर में श्री मदन लाल को अवैध वसूली में दोषी पाये जाने के कारण उन्हें तत्काल रूप से बर्खास्त कर दिया गया।
श्री मुकर्रम प्लाटून कमांडर द्वारा मीट कारोबारी को अवैध वसूली के चलते धमकाने का मामला सामने आया जिसमें उन्हें पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
इस मामले में जिला कमांडेंट सहारनपुर द्वारा अनुशासनात्मक कारवाई की गयी। बताते चले की होमगार्ड विभाग द्वारा 74 आब्जरवर नियुक्त किये गये जिनक़ी रिपोर्टों के आधार पे प्रशासनिक कारवाई की गयी।

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