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असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड का हुआ गठन

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उ.प्र. के 4.5 करोड़ असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों को मिलेगा लोक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ

लखनऊ। प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन व समन्वय मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि केन्द्र व प्रदेश की सरकार डा0 अम्बेडकर और पं0 दीनदयाल जी के सपनों को साकार करने के लिए असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों को भी सामाजिक सुरक्षा प्रदान की है। भारत सरकार के असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा अधिनियम-2008 के तहत ही प्रदेश सरकार ने उ0प्र0 असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा नियमावली-2016 बनाई है।

ऐसे कर्मकारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए 10 वर्ष बाद प्रदेश सरकार की पहल पर ‘उ0प्र0 राज्य असंगठित कर्मकार सुरक्षा बोर्ड‘ का गठन हो पाया। इस बोर्ड के अध्यक्ष, श्रम एवं सेवायोजन मंत्री तथा सदस्य सचिव, प्रमुख सचिव श्रम होंगे। इसके अतिरिक्त इसमें 28 सदस्य भी बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि इस बोर्ड के गठन के बाद 4.5 करोड़ असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों को सामाजिक सुरक्षा मिलेगी तथा इनका पंजीयन कर इन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा।
मौर्य गुरूवार को यहां बापू भवन सचिवालय स्थित सभाकक्ष में ‘उ0प्र0 असंगठित कर्मकार सामाजिक सुरक्षा बोर्ड‘ के गठन को लेकर प्रेस को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी व मुख्यमंत्री योगी की मंशा है कि गरीब का भी जीवन स्तर ऊपर उठे, उन्हें भी मूलभूत सुविधाएं मिले, इसके लिए ही इस बोर्ड का गठन किया गया है।
इस बोर्ड द्वारा असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों के हितार्थ योजनाओं को तैयार करने के लिए सरकार को सिफारिश करना, योजनाओं का अनुश्रवण, अभिलेखों का रखरखाव, कर्मकारों का पंजीयन तथा पहचान पत्रों का वितरण व अनुश्रवण, शिकायतों की सुनवाई व निस्तारण, कल्याण निधि का व्यय व रखरखाव आदि कार्य किए जाएंगे।
श्रम मंत्री ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे कर्मकारों की 45 श्रेणियां चिन्हित की हैं, जिसमें धोबी, माली, दर्जी, मोची, नाई, बुनकर, रिक्शा चालक, मछुआरा, गाड़ीवान, आटो चालक, ढोल/बाजा बजाने वाले, खेतिहर मजदूर, तांगा/बैलगाड़ी चालक, अगरबत्ती व घरेलू उद्योग के मजदूर, टेंट हाउस में काम करने वाले, भड़भूंजे, घरेलू कर्मकार, कूड़ा/हड्डी बीनने वाले, फुटकर सब्जी/फल व फूल विक्रेता, हाथ ठेला चालक, चाय/चाट ठेला लगाने वाले, फुटपाथ व्यापारी, हमाल/कुली, जनरेटर/लाइट उठाने वाले, केटरिंग में कार्य करने वाले,
फेरी लगाने वाले, मोटर साइकिल/साइकिल मरम्मत करने वाले, गैरेज कर्मकार, परिवहन में लगे कर्मकार, सफाई कामगार, पशुपालन/मत्स्य पालन/मुर्गी/बत्तख पालन में लगे कर्मकार, दुकानों में काम करने वाले मजदूर, चरवाहा/दूध दूहने वाले, नाविक, नट-नटिनी, रसोइया, समाचार पत्र बांटने वाले (हाकर), ठेका मजदूर, सूत रंगाई/कताई/धुलाई का कार्य करने वाले दरी/कम्बल/जरी/जरदोजी/चिकन का कार्य करने वाले, मीटशॉप कर्मकार, डेयरी कर्मकार तथा कांच की चूड़ी व अन्य कांच उत्पादों में स्वरोजगार कार्य करने वाले कर्मकार आदि शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि ऐसे कर्मकारों का पंजीयन 01 जनवरी, 2019 से आरम्भ होगा और इनसे अंशदान के रुप में 10 रुपये पंजीयन शुल्क लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोक संकल्प पत्र के तहत असंगठित कर्मकारों को पं0 दीनदयाल सुरक्षा बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना का भी लाभ प्रदान किया जाएगा।
पं0 दीनदयाल सुरक्षा बीमा योजना के तहत पंजीकृत कर्मकार की  दुर्घटना में मृत्यु की दशा में उसके परिवार को दो लाख रुपये, पूर्ण अपंगता पर एक लाख रुपये दिया जाएगा। इसी प्रकार अटल पेंशन योजना के तहत 18 से  40 वर्ष तक के सभी पंजीकृत कर्मकारों को वृद्धावस्था के समय एक हजार मासिक पेंशन दिलाए जाने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों के लिए कार्य करने हेतु वर्तमान वित्तीय वर्ष में 15.87 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है।

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