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बीजेपी-आरएसएस को बहुजन समाज से मांगनी चाहिये माफी: मायावती

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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) ने स्वतन्त्र भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की ‘‘स्टैच्यू आफ यूनिटी‘‘ नामक प्रतिमा का गुजरात में अनावरण के बाद भाजपा और आरएसएस की नीतियों को कटघरें में खड़ा करते हुए जबदरस्त हमला बोला है।
बसपा ने कहा है कि बीजेपी व आर.एस.एस. एण्ड कम्पनी के उन सभी लोगों को बहुजन समाज के लोगों से माफी मांगनी चाहिये जो डा. भीमराव अम्बेडकर सहित दलितों व अन्य पिछड़े वर्गोंं में जन्मे महान सन्तों, गुरुओं व महापुरुषों के आदर-सम्मान में बी.एस.पी. सरकार द्वारा लखनऊ व दिल्ली के नजदीक नोएडा में निर्मित भव्य स्थलों/स्मारकों/पार्कों आदि को फिजूलखर्ची बताकर इसकी जबर्दस्त आलोचना किया करते थे।
बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने अपने बयान में कहा है कि लगभग तीन हजार करोड़ की लागत से बनी पटेल की प्रतिमा का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा गुजरात में अनावरण के बाद बीजेपी व आर.एस.एस. एण्ड कम्पनी के लोगों को माफी मांगनी चाहिये।
मायावती ने कहा है कि वैसे तो श्री पटेल अपनी बोल-चाल, रहन-सहन व खान-पान में पूर्ण रुप से भारतीयता व भारतीय संस्कृति की एक मिसाल थे, लेकिन उनकी भव्य प्रतिमा का नामकरण हिन्दी व भारतीय संस्कृति के नज़दीक होने के बजाय उनका “स्टैच्यू आफ यूनिटी” जैसा अंग्रेजी नाम रखना कितनी राजनीति है और उनको कितनी श्रद्धा है यह देश की जनता अच्छी तरह से समझ रही है।
इसके अलावा श्री पटेल विशुद्ध रुप से भारतीय संस्कृति व सभ्यता के पोषक थे लेकिन उनकी प्रतिमा पर विदेशी निर्माण की छाप उनके समर्थकों को हमेशा सताती रहेगी, यह निश्चित है। साथ ही, वल्लभ भाई पटेल परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर की तरह एक राष्ट्रीय व्यक्ति थे और उनका सम्मान भी था, लेकिन बीजेपी व इनकी केन्द्र सरकार ने उन्हें क्षेत्रवाद की संकीर्णता में बांध दिया है, जो कि बीजेपी की अपनी संकीर्णता का द्योतक है।
मायावती ने कहा है कि देश की जनता यह भी नहीं समझ पा रही है कि बीजेपी को अगर वाकई पटेल के नाम पर राजनीति करने के बजाय उनसे सही मायने में लगाव होता तो गुजरात में अपने लम्बे शासन के दौरान उन्होंने उनकी ऐसी भव्य प्रतिमा क्यों नहीं बनायी।

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