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प्रियंका पर भारी पडी ’मथुरा’ की राजनीति, पार्टी छोडी

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  • सितम्बर 2018 में मथुरा में प्रेसवार्ता के दौरान हुआ था विवाद
  • कार्यवाहक जिलाध्यक्ष सहित आधा दर्जन से अधिक को किया गया था छह साल के लिए पार्टी से निलंबन
  • निलंबितों को पार्टी में वापस लिये जाने से नाराज थीं प्रियंका
मथुरा। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता रहीं प्रियंका चतुर्वेदी ने मथुरा विवाद का हवाला देकर कांग्रेस छोड दी है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस कितनी मजबूत होकर उभरी है यह तो 23 मई को चुनाव परिणाम आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन मथुरा में कांग्रेस किस कारण से हमेशा सुर्खियों में रहती है वह है गुटबाजी और पार्टी के अंदर के आपसी झगडे।
गुटबाजी और विवाद को लेकर स्थानीय कांग्रेसी एक बार फिर से चर्चा में है। इस बार मामला राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है, लोकसभा चुनावों के बाद संभव है कि इस ओर पार्टी के बडे नेताओं ध्यान जाये और कुछ कडे फैसले लिये जाएं। मथुरा कांग्रेस के विवाद में उलझ कर हालफिलहाल कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही पार्टी भी छोड दी है।
विवाद सितम्बर 2018 में प्रियंका चतुर्वेदी की मथुरा में हुई उस प्रेसवार्ता से षुरू हुआ था जिसमें राफेल सौदे पर पार्टी का पक्ष मीडिया के सामने रखने के लिए मथुरा आई थीं। प्रेसवार्ता के दौरान ही कांग्रेस के कुछ नेताओं ने अपनी बात रखने की अनुमति मांगी। इस पर राष्ट्रीय प्रवक्ता ने प्रेसवार्ता के बाद उन्हें अपनी बात रखने को कहा, लेकिन वह लोग नहीं मांगे और प्रेसवार्ता के दौरान ही हंगामा हो गया।
इसके बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने इसकी षिकायत की और उन्हीं की संस्तुति पर आधा दर्जन से अधिक पार्टी नेताओं को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। यहां तक सब सही रहा, इसके बाद पष्चिमी यूपी प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहल पर इन निष्काषित नेताओं को हिदायत के बाद फिर से पार्टी में ले लिया गया।
इसके बाद प्रियंका चतुर्वेदी ने पार्टी छोडने का ऐलान कर दिया और बाकायदा इसके लिए मथुरा में उनके साथ हुए वकाये को इस पूरे घटनाक्रम के लिए जिम्मेदार ठहराया है। स्थानीय कांग्रेस नेताओं का माना है कि प्रियंका चतुर्वेदी के इस्तीफे के बाद भी यह विवाद थमने नहीं जा रहा है। पार्टी के अंदर स्थानीय स्तर पर गुटबाजी की जडें कुछ ज्यादा ही गहरी हो चुली हैं। यह विवाद लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अपना रंग दिखाएगा।
इन नेताओं का हुआ था छह साल के लिए निलंबन

  • अषोक कुमार चकलेष्वर, कार्यकारी जिलाध्यक्ष
  • उमेश पंडित, महासचिव उत्तर प्रदेष कांग्रेस कमेटी
  • प्रताप सिंह, पूर्व प्रत्याशी विधान सभा छाता
  • अब्दुल जब्बार, सदस्य यूपी कांग्रेस कमेटी
  • गरधारी लाल पाठक
  • भूरी सिंह जायस, पूर्व सेवादल जिलाध्यक्ष
  • प्रवीण ठाकुर, एनएसयूआई मथुरा
  • यतीन्द्र मुकदम, युवा कांग्रेस अध्यक्ष मथुरा

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